1. परिचय
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी करवा चौथ का पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दे कर व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत को पूर्ण करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण है — चांद का उदय।
UP Khabar Hindi की सूचना के अनुसार, बिहार के कई प्रमुख शहरों में रात 7:56 बजे से लेकर 8:53 बजे तक चांद दिखाई देगा। नीचे जानिए शहर-वार समय और पूजा नियम — ताकि आप सही क्षण पर पूजा कर सकें।
2. वर्ष 2025 में करवा चौथ: तिथि और मुहूर्त
विवरण | समय / तिथि | नोट |
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करवा चौथ तिथि | 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) | स्थानीय पंचांग के अनुसार पुष्टि आवश्यक |
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ | 9 अक्टूबर 2025 रात 10:54 बजे | व्रत इसी समय से माना जाता है |
चतुर्थी तिथि समाप्ति | 10 अक्टूबर 2025 शाम 7:38 बजे | स्थानीय पंचांग में मामूली भिन्नता संभव |
पूजा मुहूर्त (सामान्य) | शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे | स्थानिक मंदिर/पंचांग से अंतिम पुष्टि लें |
उपवास समय (रुचि के अनुसार) | सुबह 6:19 बजे से रात 8:13 बजे (स्रोतों के अनुसार) | निर्जला उपवास को ध्यान में रखें |
शहर | चंद्र उदय समय (स्थानीय) | टिप्पणी |
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पटना | रात 7:56 बजे | Live Hindustan के अनुसार |
गया | रात 7:57 बजे | स्रोत: स्थानीय पंचांग |
भागलपुर | रात 8:08 बजे | नोट: मौसम/बादल प्रभाव डाल सकते हैं |
दरभंगा | रात 8:18 बजे | स्थानीय पंचांग से सत्यापित करें |
मधेपुरा | रात 8:48 बजे | किसी भी अनिश्चितता पर मंदिर/पंचांग देखें |
मुज़फ़्फरपुर | रात 8:46 बजे | समय में मिनटों का अंतर संभव |
पूर्णिया | रात 8:53 बजे | देर से चाँद निकलने पर सावधानी रखें |
सहरसा | रात 8:08 बजे | समान शहर-समन्वय के लिए स्थानीय स्रोत देखें |
क्रम | कार्य | सुझाव / समय |
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1 | सर्गी ग्रहण | सुबह जल्दी — हल्का भोजन व फल; पारंपरिक सर्गी का पालन करें |
2 | दिन भर निर्जला उपवास | सुबह से शाम तक — पानी/भोजन से परहेज़ |
3 | शाम को पूजा एवं कथा | पौराणिक कथा व आरती — पूजा मुहूर्त के दौरान (सामान्य: 5:57–7:11 बजे) |
4 | चंद्र दर्शन (छलनी से) | जब चाँद दिखाई दे — शहर-वार चांद निकलने के समय के अनुसार |
5 | अर्घ्य और पारण | चंद्र दर्शन के बाद — पति से पारण कराएं |
3. बिहार के शहरों में चांद निकलने का समय
Live Hindustan के अनुसार बिहार के कुछ प्रमुख स्थानों में चांद निकलने का समय निम्न है:
- पटना — रात 7:56 बजे
- गया — रात 7:57 बजे
- भागलपुर — रात 8:08 बजे
- दरभंगा — रात 8:18 बजे
- मधेपुरा — रात 8:48 बजे
- मुज़फ़्फरपुर — रात 8:46 बजे
- पूर्णिया — रात 8:53 बजे
- सहरसा — रात 8:08 बजे
इन समयों में कुछ मिनट का अंतर हो सकता है, जिस कारण पंचांग या स्थान विशेष कुंडली देखें।
4. पूजा विधि एवं व्रत व्यवस्थित करने की सलाह
• सुबह / सर्गी
व्रत शुरू करने से पहले सर्गी ली जाती है — जिसमें फल, सूखे मेवे, हल्का भोजन शामिल हो सकता है।
• दिनभर उपवास
पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है — न पानी, न भोजन। यह तप और श्रद्धा का प्रतीक है।
• शाम को पूजा और कथा
पूजा मुहूर्त (5:57 बजे से 7:11 बजे तक) के दौरान महिलाएं पूजा करती हैं, कथा सुनती हैं और सज-संवर कर तैयार होती हैं।
• चांद दर्शन और अर्घ्य
जब चंद्रमा आकाश में दिखे, महिलाएं छलनी के माध्यम से चंद्र दर्शन करती हैं और उसे अर्घ्य देती हैं। उसके बाद पति की सहायता से व्रत का पारण करती हैं।
5. सावधानियाँ एवं सुझाव
- यदि बादल हों या मौसम खराब हो, तो स्थानीय पंचांग या मंदिर से पुष्टि कर लें।
- चांद निकलने से पहले व्रत नहीं खोलना चाहिए, अन्यथा व्रत अधूरा माना जाता है।
- यदि आपके शहर में चांद देर से निकलता है, तब तक पूजा-थाली, छलनी आदि तैयार रखें।
- मोबाइल ऐप्स या वेबसाइटों पर दिए समय का थोड़ा फासला संभव है — हमेशा स्थानीय पंचांग की विश्वसनीयता जांचें।
6. महत्व और विशेष बातें
- इस वर्ष करवा चौथ वक्रतुण्ड संकष्टि चतुर्थी से मेल खाती है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।
- चंद्रमा और शुक्र (शुक्र ग्रह) का संबंध इस दिन विशेष माना जाता है, जो वैवाहिक संबंधों में सामंजस्य बढ़ाने वाला माना जाता है।
- करवा चौथ केवल व्रत नहीं, बल्कि निष्ठा, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है।