1. करवा चौथ कब है और चांद निकलने का समय
- इस वर्ष करवा चौथ 2025 का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
- चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से है और यह तिथि 10 अक्टूबर शाम 7:38 बजे तक चलेगी।
- पूजा मुहूर्त सामान्यत: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे के बीच माना गया है।
- चांद निकलने का समय (Moonrise Time Today / Chand Nikalne Ka Time) लगभग 8:13 बजे रात के आस-पास है, जैसा कि कई पौराणिक एवं ज्योतिष स्रोतों में उल्लेख है।
नोट: ये समय पूरे देश के लिए समान नहीं होता — आपके शहर / क्षेत्र (जैसे पटना, लखनऊ, कानपुर आदि) में स्थानीय पंचांग या ज्योतिषीय स्रोत देखें।
2. करवा चौथ की कथा / व्रत कथा (Karwa Chauth Katha / Karwa Chauth Ki Katha)
नीचे वह प्रसिद्ध कथा दी गई है जिसे अधिकांश व्रत धारिणियाँ सुनती और पढ़ती हैं — इसे आप “करवा चौथ की कथा”, “karwa chauth katha”, “karwa chauth kahani” आदि शब्दों से खोज सकते हैं।
कथा – वीरवती और उसका व्रत
बहुत समय पहले, इंद्रप्रस्थ नगर में एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी रहे। उनकी एक पुत्री थी — वीरवती। जब वह विवाहित हुई, तो एक वर्ष वह अपने मायके में करवा चौथ व्रत करने की स्थिति बनी।
व्रत के दिन जैसे-जैसे शाम होती गई, वीरवती को भूख और प्यास महसूस होने लगी। लेकिन चांद नहीं निकला था। उसके भाइयों ने सोचा कि व्रत पूरा न हो पाएगा, तो उन्होंने एक चाल चली — एक पेड़ पर दीपक लेकर और छन्नी (छलनी) के पीछे खड़े होकर उन्होंने प्रकाश दिखाया ताकि वीरवती समझे कि चांद निकल आया है।
वीरवती ने उस दिखाई गई झूठी छवि को चांद मानकर व्रत तोड़ लिया। इस घटना के बाद उसे अपने पति की असमय मृत्यु की सूचना मिली। अत्यंत दुख में वह रोती रही। उसी समय, देवी इंद्राणी प्रकट हुईं और उन्हें बताया कि व्रत तोड़ने का कारण वह झूठा चांद था। देवी ने कहा कि यदि श्रद्धा और विधि से व्रत किया जाए, तो पति वापस जीवन पाएगा।
वीरवती ने बदले में अब हर माह पूर्ण विधि से करवा चौथ व्रत करना आरंभ किया। धीरे-धीरे उनकी श्रद्धा के कारण उनका पति पुनः जीवित हो गया। इस तरह से यह कथा “करवाचौथ व्रत की कथा” बन गई, और आज भी इसका पाठ व्रत की पूजा के समय किया जाता है।
3. व्रत विधि / पूजा विधि — “करवा चौथ व्रत विधि”
नीचे एक सरल क्रम है जिसे अधिकांश लोग पालन करते हैं:
क्रम | विवरण | समय / जानकारी |
---|---|---|
1 | करवा चौथ व्रत तिथि | 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) |
2 | चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 10 अक्टूबर को सुबह 06:15 बजे |
3 | चतुर्थी तिथि समाप्त | 11 अक्टूबर को सुबह 04:45 बजे |
4 | सर्गी का समय (सुबह का भोजन) | सूर्योदय से पहले, लगभग 05:00 बजे से 06:00 बजे तक |
5 | पूजा का शुभ मुहूर्त | शाम 05:55 बजे से 07:15 बजे तक |
6 | चांद निकलने का समय (पटना, बिहार) | रात 08:17 बजे |
7 | मुख्य पूजा सामग्री | करवा, दीपक, छलनी, चावल, रोली, जल, मिठाई, लाल चुनरी |
8 | करवा चौथ व्रत कथा | चौथ माता की पूजा कर ‘करवा चौथ की कथा’ सुनना अनिवार्य होता है |
4. महत्व और सुझाव
- व्रत श्रद्धा से करना चाहिए — केवल रिवाज के लिए नहीं।
- यदि चांद बादल या मौसम की वजह से स्पष्ट न दिखे, तो स्थानीय पंचांग / ज्योतिषज्ञ से समय की पुष्टि करें।
- व्रत से पहले और बाद में हल्का भोजन, पर्याप्त विश्राम और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- “karwa chauth kahani”, “karwachauth katha”, “चांद कितने बजे निकलेगा” जैसे कीवर्ड आजकल खोजों में अधिक उपयोग होते हैं — इसलिए लेख में इन्हें प्राकृतिक रूप से शामिल करना चाहिए।
5. निष्कर्ष
2025 में करवा चौथ का यह अवसर कई महिलाओं के लिए एक श्रद्धा और भक्तिभाव का प्रतीक है। चांद निकलने का समय, करवा चौथ की कथा, और पूजा विधि जैसे विषय आज बहुत खोजे जाते हैं — इसलिए यदि आप अपने शहर के स्थानीय समय और पंचांग के अनुसार व्रत करें तो पूरी विधि से पूजा हो सकती है।