| अपडेट: 11 अक्टूबर 2025
क्या कहा अदालत ने?
कोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड की ओर से 2019 में मुनम्बम जमीन को वक्फ घोषित करना “एकतरफा और मनमाना” निर्णय था, और यह कायदे के अनुसार पूरी तरह से अवैध है।
“अगर ऐसी घोषणाओं को स्वीकार किया जाए, तो कल कोई भी इमारत – ताजमहल, लालकिला, विधानसभा भवन या अदालत – वक्फ संपत्ति बताई जा सकती है।”
सरकार और स्थानीय निवासियों को राहत
इस फैसले से केरल सरकार और मुनम्बम क्षेत्र के निवासियों को बड़ी राहत मिली है। अब राज्य सरकार जमीन पर कब्जे और विकास संबंधी फैसले संप्रभुतापूर्वक ले सकेगी। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि वक्फ बोर्ड को यह दावा करने में 69 साल क्यों लगे। अदालत ने इस स्थिति को भूमि कब्जाने के प्रयास का उदाहरण बताया।
वक्फ बोर्ड के दावे पर सवाल
फैसले में अदालत ने फ़ारूक कॉलेज मैनेजमेंट को मिली भूमि को भी वक्फ संपत्ति मानने से इनकार किया। साथ ही, सिंगल बेंच के आदेश की संवैधानिकता पर भी सवाल उठाए और उसे रद्द कर दिया।
निष्कर्ष
केरल हाईकोर्ट द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश में वक्फ संपत्तियों के दावे पर असर डालने वाला है। यह फैसला कानून की व्याख्या और न्यायिक प्रक्रियाओं के लिए एक मिसाल बनेगा।
स्रोत:
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