| Date: 10 अक्टूबर 2025
🔹 परिचय
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) इस सप्ताह भारत दौरे पर हैं। तालिबान शासन के बाद यह भारत और अफगानिस्तान के बीच संवाद की नई पहल मानी जा रही है। इस यात्रा में व्यापार, मानवीय सहायता और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर गहन चर्चा हो रही है।
🔹 दौरे के प्रमुख उद्देश्य
- भारत के साथ व्यापारिक संबंध दोबारा स्थापित करने पर चर्चा।
- अफगानिस्तान से सूखे मेवे, औषधि और निर्माण सामग्री के निर्यात को प्रोत्साहन।
- स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में भारतीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति।
- क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने पर साझा रणनीति।
मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान भारत को “नज़दीकी मित्र” मानता है और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई दिशा दी जानी चाहिए।
🔹 भारत-अफगान संबंधों में संभावित बदलाव
भारत सरकार ने संकेत दिया है कि काबुल में स्थित तकनीकी मिशन को अब पूर्ण दूतावास का दर्जा दिया जाएगा। यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है।
मुद्दा | संभावित परिवर्तन |
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व्यापार | भूमि मार्ग और हवाई मार्ग से ड्राई फ्रूट और औषधि व्यापार में बढ़ोतरी |
कूटनीति | काबुल दूतावास को पूर्ण रूप से सक्रिय करने का प्रस्ताव |
सुरक्षा | भारत-अफगानिस्तान संयुक्त आतंकवाद-विरोधी ढांचा तैयार करेंगे |
🔹 पाकिस्तान और अमेरिका की भूमिका
अफगानिस्तान और भारत की बढ़ती नजदीकी पर पाकिस्तान और अमेरिका दोनों की नजर है। भारत का यह कदम पाकिस्तान के प्रभाव क्षेत्र में बदलाव ला सकता है। वहीं अमेरिका भारत को क्षेत्रीय स्थिरता के केंद्र के रूप में देख रहा है।
🔹 चुनौतियाँ और सावधानियाँ
हालांकि मुत्तकी की यात्रा सकारात्मक मानी जा रही है, लेकिन कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
- तालिबान शासन को अब तक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं हुई है।
- अफगानिस्तान में मानवाधिकार और महिला अधिकारों पर चिंता बनी हुई है।
- पाकिस्तान के साथ सीमा तनाव और आतंकवाद की चुनौती अब भी गंभीर है।
🔹 निष्कर्ष
अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी का भारत दौरा दक्षिण एशिया की राजनीति में एक बड़ा बदलाव संकेतित करता है। यदि यह संवाद विश्वास और सहयोग में बदलता है, तो आने वाले वर्षों में भारत-अफगानिस्तान न केवल व्यापार बल्कि सुरक्षा साझेदार भी बन सकते हैं।
Focus Keyword: अफगान विदेश मंत्री भारत दौरा