ओवरव्यू: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक पेज अचानक सस्पेंड कर दिया गया, जिससे सपा में भारी नाराजगी और सोशल मीडिया पर विवाद पैदा हो गया है।
फेसबुक अकाउंट सस्पेंड क्यों हुआ?
9 अक्टूबर 2025 को अखिलेश यादव का लगभग 86 लाख फॉलोअर्स वाला फेसबुक अकाउंट बिना कोई पूर्व सूचना के सस्पेंड कर दिया गया। अभी तक इसकी आधिकारिक वजह मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) की ओर से स्पष्ट नहीं हुई है। कई रिपोर्ट्स में इसे तकनीकी गलती या बाहरी राजनीतिक दबाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
सपा नेताओं और समर्थकों की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी की नेता पूजा शुक्ला ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि फेसबुक का यह अहंकार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह स्वतंत्र आवाज़ों को दबाने की कोशिश है। पार्टी प्रवक्ता मनोज काका ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए अकाउंट को जल्द बहाल करने की मांग की है।
भाजपा का नजरिया और मेटा के बयान की प्रतीक्षा
भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को राजनीतिक विवाद में नहीं बदलने की अपील की है, जबकि मेटा ने अभी तक इस स्पष्टीकरण पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। राजनीतिक और सोशल मीडिया पर इस मामले की गर्मी बनी हुई है।
सोशल मीडिया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीति
अखिलेश यादव के फेसबुक अकाउंट सस्पेंड होने का घटनाक्रम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक दबाव के बीच संतुलन को लेकर सवाल उठाता है। यह मामला भारत में डिजिटल लोकतंत्र की चुनौतियों को भी दर्शाता है।