नैमिषारण्य : जहाँ धरती की नाभि बसती है | Naimisharanya Sitapur Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थित नैमिषारण्य भारत का एक पवित्र तीर्थ है, जिसे पृथ्वी का नाभि-स्थान कहा जाता है। जानिए नैमिषारण्य का अर्थ, पौराणिक कथा, धार्मिक महत्त्व और यहाँ तक कैसे पहुँचा जाए।

Deepak Pandit
चक्रतीर्थ सरोवर या नैमिषारण्य मंदिर परिसर की वास्तविक फोटो

🌿  नैमिषारण्य का परिचय

भारत की पावन भूमि अपने हर कण में आध्यात्मिकता समेटे हुए है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य (Naimisharanya) ऐसा ही एक पवित्र तीर्थ है, जिसे धरती का नाभि-स्थान या पृथ्वी का केंद्र कहा जाता है। यह वह स्थल है जहाँ श्रद्धा, इतिहास और अध्यात्म एक साथ सांस लेते हैं।

🔱  नैमिषारण्य का अर्थ

“नैमिष” शब्द का अर्थ है — एक निमिष (क्षण)।

कहा जाता है कि यहाँ एक निमिष में हजारों वर्ष का पुण्य अर्जित हो जाता है, इसलिए इसका नाम नैमिषारण्य पड़ा।

यह स्थान सरस्वती नदी के तट पर घने वन क्षेत्र में स्थित है और पुराणों में इसे देवताओं की तपोभूमि कहा गया है।

📜  पौराणिक कथा : धरती का केंद्र कैसे बना नैमिषारण्य

स्कंद पुराण के अनुसार, देवताओं ने ब्रह्मा जी से पूछा —

“हे ब्रह्मा! हमें ऐसा स्थान बताइए जहाँ हम यज्ञ करके दानवों का नाश कर सकें।”

ब्रह्मा जी ने अपना चक्र घुमाया और कहा —

“जहाँ यह चक्र गिरेगा, वही स्थान सबसे पवित्र होगा।”

चक्र घूमता हुआ सीतापुर की भूमि पर गिरा और वह स्थान कहलाया नैमिषारण्य।

ब्रह्मा जी ने बताया कि यही धरती का नाभि-स्थान है, जहाँ से ऊर्जा प्रवाहित होती है।

🙏  आध्यात्मिक महत्त्व

  • यहाँ के दर्शन मात्र से पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • महाभारत में वर्णित है कि यहीं पर ऋषियों ने सूत जी से भागवत कथा सुनी थी।
  • प्रमुख तीर्थ स्थल: चक्रतीर्थ सरोवर, ललिता देवी मंदिर, हनुमान गढ़ी, और व्यास गद्दी।

🧭  वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक दृष्टि से पृथ्वी का केंद्र भले ही हजारों किलोमीटर नीचे है, परंतु भारतीय आस्था के अनुसार आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र नैमिषारण्य है।

यह स्थल दर्शाता है कि सत्य, श्रद्धा और ऊर्जा का संगम यहीं से प्रवाहित होता है।

🚩 कैसे पहुँचें नैमिषारण्य (Naimisharanya Travel Guide)
📍 स्थाननैमिषारण्य, जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश
🚆 निकटतम रेलवे स्टेशननैमिषारण्य रोड (20 किमी), लखीमपुर या सीतापुर रेलवे स्टेशन से आसानी से पहुँच सकते हैं
🚌 सड़क मार्गलखनऊ से नैमिषारण्य लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर है। NH-24 या Sitapur रोड मार्ग से बस या टैक्सी द्वारा पहुँचा जा सकता है।
✈️ निकटतम हवाई अड्डालखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 110 किलोमीटर दूर)
🕓 यात्रा का उपयुक्त समयअक्टूबर से फरवरी तक — जब मौसम सुहावना रहता है और धार्मिक मेले आयोजित होते हैं।
🏨 ठहरने की व्यवस्थानैमिषारण्य में धर्मशालाएँ, आश्रम, और कुछ छोटे होटल उपलब्ध हैं। लखनऊ या सीतापुर में भी ठहर सकते हैं।

🕉️  निष्कर्ष

नैमिषारण्य केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि धरती की आत्मा का केंद्र है।

यह हमें सिखाता है कि जहाँ श्रद्धा और सत्य एक साथ हों, वहीं सृष्टि की वास्तविक ऊर्जा बसती है।

“जहाँ धर्म, तप और भक्ति का संगम होता है — वही है नैमिषारण्य।”

By Deepak Pandit Author/Publisher
Follow:
Deepak Pandit एक अनुभवी पत्रकार और UPKhabarHindi.com के संस्थापक हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और भारत से जुड़ी सैकड़ों खबरें कवर की हैं। 166K+ फेसबुक फॉलोअर्स के साथ Deepak Pandit डिजिटल मीडिया में एक विश्वसनीय नाम हैं। उनका उद्देश्य निष्पक्ष, सटीक और जनहित की पत्रकारिता करना है।📧 deepak@upkhabarhindi.com | 🌐 UPKhabarHindi.com
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *