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नई दिल्ली / लंदन — भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच हालिया वार्तालापों ने एक बार फिर PM मोदी झंडे का अपमान (Focus Keyword) जैसे संवेदनशील मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि UK की आज़ादी का दुरुपयोग करने वालों को नहीं बख्शा जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक समाजों में तो हिंसात्मक चरमपंथ और आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने Starmer से आग्रह किया कि वे ऐसे तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें, जो PM मोदी झंडे का अपमान कर रहे हैं।
उनकी यह आपत्ति उस समय आई जब भारत UK में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों एवं हाई कमीशन पर हमलों की समस्या को लेकर चिंतित है। खासकर 2023 में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हंगामे और झूठे प्रदर्शनों ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया था।
मोदी—Starmer की बैठक में व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर भी व्यापक चर्चा हुई। लेकिन खालिस्तान की समस्या को मोदी ने प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि शोषण और कानून के उल्लंघन के मामलों में दोनों देशों को मिलकर कदम उठाने चाहिए।
ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल में लगभग 125 शीर्ष कारोबारी, शिक्षा एवं निवेश जगत के लोग साथ आए थे, जिन्होंने भारत और UK को और भी करीब लाने की इच्छाएँ जताईं।