उत्तर प्रदेश कैडर की 2010 बैच की IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं।इस बार मामला उनके ऊपर लगे सरकारी बंगले पर कब्जा बनाए रखने के आरोप से जुड़ा है।-
–🔹 कौन हैं दुर्गा शक्ति नागपाल?
दुर्गा शक्ति नागपाल एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं।वह 2013 में चर्चा में आई थीं जब उन्होंने नोएडा में अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई की थी।मौजूदा समय में वे लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी (DM) हैं।
-🔹 कब और कैसे मिला था बंगला?
साल 2015 में, नागपाल को उस समय के केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का विशेष कार्य अधिकारी (OSD) बनाया गया।इसी पद के दौरान उन्हें टाइप-6A कैटेगरी का सरकारी बंगला आवंटित हुआ।वे हर महीने करीब ₹6,600 किराया और पानी का शुल्क देकर उस आवास में रह रही थीं।
-🔹 विवाद की शुरुआत कब हुई?
7 मई 2019 को कृषि मंत्रालय में उनकी नियुक्ति खत्म हो गई।इसके बाद उन्हें कॉमर्स मंत्रालय में तैनाती मिली, और बाद में 2021 में अपने कैडर (उत्तर प्रदेश) में लौट आईं।लेकिन आरोप है कि इसके बावजूद उन्होंने कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले IARI का आवास खाली नहीं किया।
-🔹 मंत्रालय की कार्रवाई और नोटिससूत्रों के मुताबिक,IARI (Indian Agricultural Research Institute) ने कई बार उन्हें नोटिस जारी कर बंगला खाली करने को कहा।मंत्रालय का कहना है कि उनकी नियुक्ति समाप्त हो चुकी थी, इसलिए उन्हें आवास छोड़ देना चाहिए था।हालांकि अभी तक इस पर दुर्गा शक्ति नागपाल की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
-🔹 सरकारी नियम क्या कहते हैं?
सरकारी आवास नियमों के मुताबिक,> “किसी भी अधिकारी को तबादले या कार्यमुक्ति के 30 दिनों के भीतर आवास खाली करना होता है।”अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता, तो उसे“अनधिकृत कब्जा” माना जाता हैऔर उस पर पेनल रेंट (किराए का 10 गुना तक) लगाया जा सकता है।
-🔹 फिलहाल स्थिति क्या है?
फिलहाल यह मामला मंत्रालय के स्तर पर लंबित बताया जा रहा है।वहीं, दुर्गा शक्ति नागपाल इस समय लखीमपुर खीरी जिले की जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।उनकी छवि एक ईमानदार और सख्त अधिकारी की रही है, लेकिन इस विवाद ने एक नई बहस छेड़ दी है —क्या अफसरों पर भी वही नियम लागू होते हैं जो आम लोगों पर होते हैं?
📌 निष्कर्षयह मामला सरकारी तंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता की ज़रूरत को उजागर करता है।अब देखना यह है कि मंत्रालय आगे क्या कदम उठाता है और नागपाल की ओर से इस पर क्या स्पष्टीकरण दिया जाता है।